आतंकवाद को ना कह रही है सरकार : आडवाणी
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता : भारतीय जनता पार्टी के पीएम इन वेटिंग एवं देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने आतंकवाद और महंगाई को केंद्र में रखकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। साथ ही राम मंदिर की चर्चा कर यह भी एहसास कराया कि राम मंदिर पार्टी एजेंडे से बाहर नहीं हुआ है। आडवाणी शनिवार को मुरादाबाद के रामलीला मैदान में भाजपा की विजय संकल्प रैली को संबोधित कर रहे थे। संबोधन के बीच दिल्ली के महरौली क्षेत्र में बम विस्फोट की खबर मिलने के साथ आतंकवाद पर उनके तेवर और तल्ख हो गए। उन्होंने कहा कि सरकार पोटा को नहीं, आतंकवाद को नजरअंदाज कर रही है। पोटा की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए घटक दलों ने काफी मेहनत से इस कानून को आगे बढ़ाया। मुंबई की ट्रेनों में आतंकी विस्फोट व संसद के हमलावरों को पोटा की बदौलत ही नियंत्रित किया जा सका। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और परिवारवाद साथ नहीं चल सकते। करीब 40 मिनट के संबोधन में उन्होंने लोकसभा चुनाव में मुद्दे की शक्ल लेने वाले हर बिंदु को छुआ। गन्ना मूल्य और गरीबी की बात करके जहां किसानों को रिझाया, वहीं महंगाई, आतंकवाद से बढ़ रही असुरक्षा की भावना का जिक्र करके महिलाओं को जोड़ने की कोशिश की। आतंकवाद रोकने के लिए कठोर कानून तो होना चाहिए मगर पोटा नहीं, प्रधानमंत्री के बयान इस पर आडवाणी ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रधानमंत्री और सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है। देश के 14 लोकसभा चुनाव और 14 प्रधानमंत्रियों के साथ अपने कार्य अनुभवों को गिनाते हुए आडवाणी ने वर्तमान सरकार और प्रधानमंत्री को सबसे अक्षम बताया। साथ ही आरोप लगाया कि सरकार बचाने के लिए प्रधानमंत्री आतंक विरोधी कठोर कानून से बच रहे हैं। देश हित में इस चुनाव से खुलकर जुड़ने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि यह स्वराज की कल्पना वाले भारत के विजय की संकल्प रैली है। किसी को प्रधानमंत्री बनाने की संकल्प रैली नहीं। जाते-जाते उन्होंने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर ही भव्य राममंदिर का निर्माण होने की इच्छा भी जताई। कहा, राम जन्मभूमि पर जब तक भव्य राममंदिर का निर्माण नहीं होगा तब तक हमारा सपना साकार नहीं होगा। मंदिर
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